Saturday, 21 November 2020 4.29pm
Nawaz Shearwani
शैख़ अब्दुल कादिर के रास्ते पर चलकर मिलेगी कामयाबी
-'महफिल-ए-गौसुलवरा' का चौथा दिन
गोरखपुर। हज़रत सैयदना शेख़ अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की याद में नार्मल स्थित जामा मस्जिद हज़रत मुबारक खां शहीद में शुक्रवार को 'महफिल-ए-गौसुलवरा' के चौथे दिन कारी अफ़ज़ल बरकाती ने कहा कि हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर (गौसे पाक) की पूरी जिंदगी करामात से कम नहीं है। अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्ते पर चलने की फिक्र, लोगों से सलीके मिलना, सभी का ख्याल रखना, शरीयत की पाबंदी यही आपकी जिंदगी का मकसद रहा।
कारी बदरे आलम निज़ामी ने कहा कि शैख़ अब्दुल कादिर ने अमानतदारी, वादा पूरा करना, झूठ से बचने, दूसरें के हुकूक का ख्याल, मां-बाप की खिदमत, उस्ताद की फरमाबरदारी का पैगाम दिया। शैख़ अब्दुल कादिर का पैगाम दीन व दुनिया में कामयाबी की जमानत है। हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर की करामात से पूरी दुनिया वाकिफ है। शैख़ ने अल्लाह की अता से एक पल में बारह साल पहले डूबी हुई कश्ती को बारातियों के साथ ज़िन्दा निकाला। जिनके हुजरे (मकान) में एक चोर चोरी की नियत से आया तो वक़्त का क़ुतुब बन गया। जिन्होंने एक हज़ार साल पुरानी क़ब्र को अल्लाह के हुक्म से ठोकर मार कर मुर्दे को ज़िन्दा कर दिया। हमारे शैख़ मुह़ियुद्दीन अ़ब्दुल क़ादिर जीलानी अपने मुरीदों के लिए क़यामत तक इस बात के ज़ामिन हैं कि इनमें से कोई भी तौबा किए बग़ैर नही मरेगा।